दर्द से ही दुनिया की पहली कविता बनी होगी...
ऐसे ही थोड़े ये लिखने की प्रथा चली होगी
जब दर्द की जड़े
हुई बहुत गहरी होगी
तब...
दर्द से ही दुनियां की पहली कविता बनी होगी
खुशी में किस आदमी को इतनी फुर्सत होगी
शब्दों...
जब दर्द की जड़े
हुई बहुत गहरी होगी
तब...
दर्द से ही दुनियां की पहली कविता बनी होगी
खुशी में किस आदमी को इतनी फुर्सत होगी
शब्दों...