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मन्नत 🌹
अपनी मन्नत ना पूरी होने पर
मैं कभी दर नहीं छोड़ता हूं
वो बेशक किसी और को देखे
मैं उससे नज़रे नहीं मोड़ता हूं
पसंद है उसे महकता हुआ हार बेहद
पर मैं हरगिज़ नहीं फूलों को तोड़ता हूं
वो प्यार है मेरा, कोई दावेदारी नहीं
वो चाहे जिसे भी हमसफर करे
ये फैसला मैं उस पर छोड़ता हूं
मेरे सोने से उसको सकूं मिलता है
इसलिए मैं ख्वाबों से नींदे निचोड़ता हूं
© char0302
मैं कभी दर नहीं छोड़ता हूं
वो बेशक किसी और को देखे
मैं उससे नज़रे नहीं मोड़ता हूं
पसंद है उसे महकता हुआ हार बेहद
पर मैं हरगिज़ नहीं फूलों को तोड़ता हूं
वो प्यार है मेरा, कोई दावेदारी नहीं
वो चाहे जिसे भी हमसफर करे
ये फैसला मैं उस पर छोड़ता हूं
मेरे सोने से उसको सकूं मिलता है
इसलिए मैं ख्वाबों से नींदे निचोड़ता हूं
© char0302
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