कुछ नहीं मैं तेरे बिन...
चंद लफ़्ज़ों के मेल से , बस एक पंक्ति कहलाती थी मैं ,
छु कर कलम ने अपनी लबों से मुझे , ...
छु कर कलम ने अपनी लबों से मुझे , ...