...

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मेरे दिल से मत खेलो...
मेरी आंखों में नमीं हैं ।
जान ए मन तेरी कमीं हैं।।

तुझे टूट के चाहने वाले।
दुनियाँ में सिर्फ हमीं हैं।।

कई सपने ख्वाब मरे थे।
दिल में अब तलक गमीं हैं।।

हम जिंदा तो हैं लेकिन।
धड़कन ओ नब्ज़ थमीं हैं।।

दिल का मकान वीराँ है।
जाले हैं धूल जमीं हैं।

ओ दिल से खेलने वालो।
कैरम, लूडो व रमीं हैं।।

© राम अवतार "राम"