...

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कितनी रातों के...❤️
कितनी रातों के जागे हम तेरी बाहों मे आराम मिले,,
जो तेरे साथ मुक्कर्र हो मुझे वो ही शाम मिले !!

लोग कहते हैं मोहब्बत किसी फंदे से कम नहीं,,
हम हंसके झूल जाएं बस उनका पैगाम मिले !!

कितनी रातों के जागे हम

आती नही है रास हमें फुरसत जमाने की;
जब से हो गई है आदत हमें तुम्हें चाहने की;
अब आलम है शिकायते तेरी अब तुमसे ही होती हैं!
सांसे बगावत कर दे भले पर इश्क ना नाकाम मिले!!

कितनी रातों के जागे हम तेरी बाहों मे आराम मिले,

हंसती है दुनियां दिलवालो पे अक्सर
अक्सर दिल वाले ही बदनाम होते है,
फिर पढ़ती हैं दुनियां किसी को मजनू किसी को रांझे,
इश्क वालों के ही दर्ज दिलों पे नाम होते है!
बस आए छोटा सा जिक्र तेरे नाम के साथ मेरा
बस आरजू यही है इश्क में वही मुकाम मिले!!
कितनी रातों के जागे हम बस तेरी बाहों मे आराम मिले !!!
~P.s