...

3 views

A hope❤️
स्वार्थ के हैं सब रिश्ते कोई किसी का नहीं होता हैं,
इंसान अपने बुरे दिंनो में किसी कोने में अकेला हीं रोता हैं,
किस बात का अहंकार फिर लाखों के होने का,
जो संतुस्टी दे ना पाए क्या करोगे उस सोने का,
शायद तुम अंदर से अकेले हो तभी हर वक़्त तलाश में हो
कोई तोह दे दे उस दुःख में कन्धा बस इसकी हीं आश में हो,
यहां किसी को प्रेम मालूम नहीं वो बस ईश्वर से होता हैं
इसीलिए अपने बुरे पलो में तू उसके हीं सामने रोता हैं 😊 🖋️kr!shn






© All Rights Reserved