जीवन भर की कमाई है
हम हैं दिल है तन्हाई है।
सूनी सूनी बीनाई है।।
अश्क नए और दर्द पुराने।
याद तेरी क्या लाई है।।
दिल में बरसेगा अब पानी।
आंख में बदली छाई है।।
जमीन क्या है जान भी रख ले।
तू तो मेरा भाई है।।
मस्त कट रही है जाड़ों में ।
कम्बल खाट रजाई है।।
दुनियां पे दौलत है, हम पे।
आना है ना पाई है।।
रो रो के अश्कों से हमने।
अभी-अभी तो बुझाई है।।
उसकी यादों ने आकर फिर।
दिल में आग लगाई है।।
ओ मनिहारिन संभल के उसकी।
नाजुक नरम कलाई है।।
हमने कहा तेरा बदन है मक्खन।
लब पे मिश्री मलाई है।।
मुझसे बोली जा चल झूठे।
तेरी भली चलाई है।।
याद में उसकी नींद ना आए।
रात का बज गया ढाई है।
कैसी ठंड पड़ रही इसने।
हड्डी तलक गलाई है।।
ये तो भई शम्मा ही बुझ गई।
किसी पे दियासलाई है।।
आज तो जी भर प्यार करेंगे।
कर के कॉल बुलाई है।।
हम दोनों की जान तो यारो।
इक दूजे में समाई है।।
आज भी यार नहीं आई वो।
सचमुच में हरजाई है।।
जिसकी न फटे बिवाई है।
क्या जाने पीर पराई है।।
हमने अपनी दवा दर्द की।
औरों को भी खिलाई है।।
अवतार गीत गजलें तेरी।
जीवन भर की कमाई है।।
करके कमेंट बताओ राम ने।
कैसी गजल बनाई है।।
© राम अवतार "राम"
सूनी सूनी बीनाई है।।
अश्क नए और दर्द पुराने।
याद तेरी क्या लाई है।।
दिल में बरसेगा अब पानी।
आंख में बदली छाई है।।
जमीन क्या है जान भी रख ले।
तू तो मेरा भाई है।।
मस्त कट रही है जाड़ों में ।
कम्बल खाट रजाई है।।
दुनियां पे दौलत है, हम पे।
आना है ना पाई है।।
रो रो के अश्कों से हमने।
अभी-अभी तो बुझाई है।।
उसकी यादों ने आकर फिर।
दिल में आग लगाई है।।
ओ मनिहारिन संभल के उसकी।
नाजुक नरम कलाई है।।
हमने कहा तेरा बदन है मक्खन।
लब पे मिश्री मलाई है।।
मुझसे बोली जा चल झूठे।
तेरी भली चलाई है।।
याद में उसकी नींद ना आए।
रात का बज गया ढाई है।
कैसी ठंड पड़ रही इसने।
हड्डी तलक गलाई है।।
ये तो भई शम्मा ही बुझ गई।
किसी पे दियासलाई है।।
आज तो जी भर प्यार करेंगे।
कर के कॉल बुलाई है।।
हम दोनों की जान तो यारो।
इक दूजे में समाई है।।
आज भी यार नहीं आई वो।
सचमुच में हरजाई है।।
जिसकी न फटे बिवाई है।
क्या जाने पीर पराई है।।
हमने अपनी दवा दर्द की।
औरों को भी खिलाई है।।
अवतार गीत गजलें तेरी।
जीवन भर की कमाई है।।
करके कमेंट बताओ राम ने।
कैसी गजल बनाई है।।
© राम अवतार "राम"
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