...

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सुणो रामजी सुणणी पड़सी....
#छगनसिंह

लालच रो दड़बो है स्याणाॅं,
आ क्यां की दुनियादारी है।
बा ही मुर्गी ज्यान बचारी है,
बस जकी टैम पर ब्यारी है।

छ्याली खुश हैं बेटी जण दी,
काॅंईं बेरौ, छुरी तळै ना आवै।
पूत रा भाग पेट माॅंय तय हीं,
तूं अति भी क्यानै हर्षा री है।

अब मिनखाॅं पर भी आ ज्याओ,
अठै तो गंगा जी उलटी जारी है।
जद दूजी बार भी छोरी ही हूगी,
पछ हूं घर माॅंय, मातम जारी है।

पूत जायो जणां, जात जड़ूला,
सगळी मावां भेळी भैरुं गारी है।
छ्याली खूंटे बंधी बस रो री...