...

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नहीं मंज़ूर मुझे।
सारे जग की रुसवाई
बर्दाश्त मुझे
पर तेरा रूठ जाना नहीं
मंज़ूर मुझे

मैं खुद, खुद को भूल जाऊं
बर्दाश्त मुझे
पर तेरी यादों से जुदा हो जाऊं, नहीं
मंज़ूर मुझे

तुझे दूर रहकर मेरी रूह तड़प जाए, ये
बर्दाश्त मुझे
पर जुदाई में तेरे आंसू बहे, नहीं
मंज़ूर मुझे

ये हंसी वादियां, ये पहाड़,
ये नदियां, ये बदल
रूठ जाएं मुझसे
बर्दाश्त मुझे
मेरी वजह से तेरी हंसी कैद हो जाए, नहीं
मंज़ूर मुझे।

© Meraki $