कैसे भुला दूं...
भुला दूं , कैसे भुला दूं...
उन बीते दिनों को
जो तेरे संग बिताये
भुला दूं, कैसे भुला दूं
उन पलों को जो तेरे संग बितायें
जिनमें सुंकू था जीने की ललक थी
सुख-दुख में साथ रहने की कसक थीं
क्यों तुम...
उन बीते दिनों को
जो तेरे संग बिताये
भुला दूं, कैसे भुला दूं
उन पलों को जो तेरे संग बितायें
जिनमें सुंकू था जीने की ललक थी
सुख-दुख में साथ रहने की कसक थीं
क्यों तुम...