...

6 views

सुनो न मेरी बात
सुनो न मेरी बात
चलो लिखते हैं अपने मिलन पर कहानियां कुछ कविताएं
जो अमर प्रेम बनेंगी हमारे न रहने पर भी।
तुम्हें पसंद नहीं बिछोह
तो चलो मिलते हैं किसी खत में जो सदा तुम्हारी होंगी।
जहां किसी का आना नहीं होगा,
ना ही छोड़ कर कभी जाना होगा।
उसमें तुम महान नहीं, सिर्फ मेरी नायिका होना
सारे त्याग मेरे हिस्से हों और तुम मेरा साथ देना।
जब कभी मैं लड़खड़ा जाऊं तो तुम हाथ थाम लेना
कभी मुझे गिरने मत देना संभाल लेना।
सुनो ना!
जब कभी मेरी आंखें नम हो तो तुम मुस्कुरा देना,
गर मैं ज्यादा बोल जाऊं तो तुम समझा देना।

हां चलो मिलकर देखें एक ख्वाब
जिसे तुम बुनना और मैं पूरे करूं तुम्हारे सारे ख्वाब।

ऋतम्वदा 'वत्स'


@Ek_Paheli
© All Rights Reserved