तुम्हारी ख़ोज में ख़ुद से मिली मैं...❤️
तुम्हारी ख़ोज में ख़ुद से मिली मैं...
आज़ रात छोटी लगी..
आंख देर से खुली..
हां,याद आया..
आज़ तो तुम्हें आना था मेरे ख्वाबों में..
गमले सजा दिए थे
चाय भी तैयार कर ली थी
तुम्हारे पसंद की साड़ी पहनी थी,
सुर्ख कत्थई लाली और बिंदी भी...
जेवर नहीं पहने थे..
सोचा था कि तुम पहनाओगे,
तुम नहीं आए...
आज़ रात छोटी लगी..
आंख देर से खुली..
हां,याद आया..
आज़ तो तुम्हें आना था मेरे ख्वाबों में..
गमले सजा दिए थे
चाय भी तैयार कर ली थी
तुम्हारे पसंद की साड़ी पहनी थी,
सुर्ख कत्थई लाली और बिंदी भी...
जेवर नहीं पहने थे..
सोचा था कि तुम पहनाओगे,
तुम नहीं आए...