...

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फिर मुहब्बत कौन करे 2.0
जानती हूं तुम कहोगे
एक रिश्ता टूटा तो क्या हुआ

फिर से मुझे आजमा सकते हो
दिल के करीब ला सकते हो

एक बुरा अनुभव
रोक तो नहीं सकती
तुम्हे फिर से जीने से

सब वैसे हों,और
हर बार अंजाम वही हो
जरूरी तो नहीं

हां,जरूरी नहीं
तुम भी दिल तोड़ोगे
तड़पता किसी दिन
अकेला तुम भी छोड़ोगे

पर फिर से एतबार कौन करे
दिल को बेकरार कौन करे

कौन सहे फिर से सर्द रातों की तपन
यूं टूट कर फिर प्यार कौन करे



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