दीवारों में छुप छुप कर रहते हैं लोग
दीवारों में छुप छुप कर रहते हैं लोग
एक चोट से सीसे सा बिखर जाते हैं लोग।
न वफा न उम्मीद न आरजू कोई...
एक चोट से सीसे सा बिखर जाते हैं लोग।
न वफा न उम्मीद न आरजू कोई...