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इन्तज़ारी की तड़प।।।।।
इन्तज़ारी है तेरी कब तुझे फ़ुर्सत होगी,,
बैठा हूँ राह में क्या थोड़ी इनायत होगी,,
देख के मुझको यूँ तेरा बाल झटकना,तौबा,
ये इशारा था मुझे याँ तेरी आदत होगी,,
गुफ़्तगू आँखों ने की लब मेरे ख़ामोश रहे
यूँ तकल्लुफ़ में भला कैसे मुहब्बत होगी,,
घर के सब रस्ते मुझे तेरी तरफ ले जायें
हम को जोड़ें यहीं रस्तों की शरारत होगी,,
इश्क़ इक तरफ़ा भी शिद्दत से निभाऊँगा मैं
बिना दीवार बनी पहली इमारत होगी,,
*विकास जैन व्याकुल*
© All Rights Reserved
बैठा हूँ राह में क्या थोड़ी इनायत होगी,,
देख के मुझको यूँ तेरा बाल झटकना,तौबा,
ये इशारा था मुझे याँ तेरी आदत होगी,,
गुफ़्तगू आँखों ने की लब मेरे ख़ामोश रहे
यूँ तकल्लुफ़ में भला कैसे मुहब्बत होगी,,
घर के सब रस्ते मुझे तेरी तरफ ले जायें
हम को जोड़ें यहीं रस्तों की शरारत होगी,,
इश्क़ इक तरफ़ा भी शिद्दत से निभाऊँगा मैं
बिना दीवार बनी पहली इमारत होगी,,
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