तेरी हर याद को
सहेज कर रख लूँ आँखों में तेरी हर याद को
बना कर अश्क़ बहा दूँ तेरी हर याद को
कोई ख़्वाब आँखें नहीं सजाती अब मेरी
सोचता हूँ ख़्वाब ही बना दूँ तेरी हर याद को
उम्मीद तेरी वापसी की जब बुझने लगती है मुझमें
इश्क़ ने पुकार...
बना कर अश्क़ बहा दूँ तेरी हर याद को
कोई ख़्वाब आँखें नहीं सजाती अब मेरी
सोचता हूँ ख़्वाब ही बना दूँ तेरी हर याद को
उम्मीद तेरी वापसी की जब बुझने लगती है मुझमें
इश्क़ ने पुकार...