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कमाल हो गया
वो चांद की तरह शीतल से हो गए,
मुझमें सूरज की तपिश शामिल हुई,
ढूंढते रहे थे वो शीतल सी चांदनी,
मिल गई उन्हें तपिश सी रोशनी,
मिलना बिछड़ना हुआ दिन रात सा,
वो रात गुजरने का इंतज़ार करने लगे,
ठेहर ही जाएं दिन में चाहने यही लगा,
प्यार जेसे हमारा करिश्माई कुदरत बन गया
© Hiren Brahmbhatt - HirSwa
मुझमें सूरज की तपिश शामिल हुई,
ढूंढते रहे थे वो शीतल सी चांदनी,
मिल गई उन्हें तपिश सी रोशनी,
मिलना बिछड़ना हुआ दिन रात सा,
वो रात गुजरने का इंतज़ार करने लगे,
ठेहर ही जाएं दिन में चाहने यही लगा,
प्यार जेसे हमारा करिश्माई कुदरत बन गया
© Hiren Brahmbhatt - HirSwa
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