भगवान हो गये
कुछ हिन्दू हो गये, कुछ मुसलमान हो गये
सत्ता के लिये, आज सब कुर्बान हो गये।
सिरपर चढ़ाकर जिसने, पहुँचाया अर्श तक
सियासती सीढ़ी के, पायदान हो गये।
गुमां था बहुत अहमियत पर, हमको हमारी
हम, मौके भर, जरूरती सामान...
सत्ता के लिये, आज सब कुर्बान हो गये।
सिरपर चढ़ाकर जिसने, पहुँचाया अर्श तक
सियासती सीढ़ी के, पायदान हो गये।
गुमां था बहुत अहमियत पर, हमको हमारी
हम, मौके भर, जरूरती सामान...