...

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मेरे हिस्से हैं
घरवाले,दोस्त,कलम और उसकी रुसवाई कुल मिलाकर चार मेरे हिस्से हैं,

कोई अच्छे कर्म तो कर नहीं पाता, पर अच्छे विचार मेरे हिस्से हैं,

कुछ कर गुज़रने वाले तो मेहनत कर रहे पर सब बेकार,मेरे हिस्से हैं,

खुशियां सारी तुम ही रख लो कि गम से प्यार, मेरे हिस्से हैं,

नकदी तो मॉल ले जाता हैं और दुकानदारी में रहता उधार मेरे हिस्से हैं,

चाहकर भी सच के लिए लड़ नहीं सकता,क्या करूं चलाना परिवार मेरे हिस्से हैं,

मंहगी रसोई का तो सपना ना देखा,बस दो रोटी और सुखा अचार मेरे हिस्से हैं,

जी भरके करता वो अपनी मनमानी और मज़बूरी में होना लाचार मेरे हिस्से हैं,

वो करता हैं ऐश बाप की दौलत पर,और उठाना मुसीबतों का भार मेरे हिस्से हैं,

बिना मुकाबले उसे सब हासिल हैं और जीतकर भी 'ताज' हार मेरे हिस्से हैं।
© taj