...

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कुछ सपने थे गुड़िया गुड्डों में,, कुछ बचपन के अरमानों में !!

कुछ खट्टे कुछ मीठे पल थे यादों में,,
कुछ सच्चाई थी जज़्बातों में,,
कुछ इन मशीनों से दूर के इंसानों में,,

कुछ हया थी संस्कारों में,,
कुछ गज़लों में कुछ गानों में,,

कुछ सपने थे गुड़िया गुड्डों में,,
कुछ बचपन के अरमानों में !!

एक बचपन की याद भी है,,
बहुत नटखट थे हम ,,
हमारी गिनती होती थी मस्तानो में!!
Missing those Childhood days
and also.....
Missing mah Best Buddy❤️
MJ AJ NAAZ......
© Les Alphas de Haya❣️