...

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कुछ सपने थे गुड़िया गुड्डों में,, कुछ बचपन के अरमानों में !!

कुछ खट्टे कुछ मीठे पल थे यादों में,,
कुछ सच्चाई थी जज़्बातों में,,
कुछ इन मशीनों से दूर के इंसानों में,,

कुछ हया थी संस्कारों में,,
कुछ...