नज़रिया....
हां तुम सही थे
गलत भी मैं थी
और गलती भी मेरी
शायद गलत रहूंगी भी
हमेशा....
तुम सबके लिए
या कहूं कभी सुधर
भी ना पाऊंगी
लाख कोशिशों के
बाद भी....
क्योंकि नजरिया तो
एक बार ही बनता है..
© Madhumita Mani Tripathi
गलत भी मैं थी
और गलती भी मेरी
शायद गलत रहूंगी भी
हमेशा....
तुम सबके लिए
या कहूं कभी सुधर
भी ना पाऊंगी
लाख कोशिशों के
बाद भी....
क्योंकि नजरिया तो
एक बार ही बनता है..
© Madhumita Mani Tripathi
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