एहसास
क्यों तुझे खुद के एहसासों का एहसास नहीं दिला पाती मैं🥺
तुझसे मिलकर खिलने का एहसास हो या
तुझसे टकराकर चूर-चूर होने का एहसास...
तेरी मुस्कुराहटो पर निसार होने का एहसास हो या
तेरी फिक्र में डूबते रहने का एहसास
सब दिल की बंद गलियों में दम तोड़ देते हैं
क्यों मैं तुझे एहसास नहीं दिला पाती कि
मेरे चंचल...
तुझसे मिलकर खिलने का एहसास हो या
तुझसे टकराकर चूर-चूर होने का एहसास...
तेरी मुस्कुराहटो पर निसार होने का एहसास हो या
तेरी फिक्र में डूबते रहने का एहसास
सब दिल की बंद गलियों में दम तोड़ देते हैं
क्यों मैं तुझे एहसास नहीं दिला पाती कि
मेरे चंचल...