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छुपीबात
#छुपीबात
शाम सजा रखी हैं मैंने,
ये बात छुपा रखी हैं मैंने,
तेरे नाम पर लिया था इल्जाम जो,
दिल में ये बात छुपा रखी हैं मैंने,
हालात से वाक़िफ़ हुआ तो क्या करते,
तारों की छाप छुपा रखी हैं मैंने,
और क्यों नहीं करते जिक्र यादों का उसकी,
हालात-ए-सब्र को आँखों में छुपा रखी हैं मैंने!
© villan001
शाम सजा रखी हैं मैंने,
ये बात छुपा रखी हैं मैंने,
तेरे नाम पर लिया था इल्जाम जो,
दिल में ये बात छुपा रखी हैं मैंने,
हालात से वाक़िफ़ हुआ तो क्या करते,
तारों की छाप छुपा रखी हैं मैंने,
और क्यों नहीं करते जिक्र यादों का उसकी,
हालात-ए-सब्र को आँखों में छुपा रखी हैं मैंने!
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