...

4 views

स्याही...

एक स्याही है
पता नहीं किसकी है
बस मुझे तकती जा रही है
पता नहीं क्यों
जैसे मुझे कुछ बीतीं सुनना चाह रही हो
सोचा!!
उसके जज़्बातों को
अल्फाजों से तोलूं

कमबख़्त मैं!!
रातें कटती रही
तारों को...