कुछ कहती आंखे
#कुछ_कहती_आँखें..
तुमसे मिलने से पहले मुझे ❤️
इश्क़ का कुछ खास मतलब मालूम नही था,,
उसे मैं तुम्हारी आँखों से ही पहचाना था।।
वो माथे की बिंदी जो तुम अक्सर
लगा लेती थी साड़ी के साथ
वो इश्क़ का अनुस्वार मालूम होती थी मुझे।।
तुम्हारी आँखों मे खोकर ही तो मैंने
जीवन की खूबसूरती को महसूस किया था।।
मैं अपनी मुस्कान को अक्सर अपनी
होंठो तले दबा...
तुमसे मिलने से पहले मुझे ❤️
इश्क़ का कुछ खास मतलब मालूम नही था,,
उसे मैं तुम्हारी आँखों से ही पहचाना था।।
वो माथे की बिंदी जो तुम अक्सर
लगा लेती थी साड़ी के साथ
वो इश्क़ का अनुस्वार मालूम होती थी मुझे।।
तुम्हारी आँखों मे खोकर ही तो मैंने
जीवन की खूबसूरती को महसूस किया था।।
मैं अपनी मुस्कान को अक्सर अपनी
होंठो तले दबा...