...

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मैं और मैं

वो वक़्त था,
जब सबसे बेहतर था
अब लाखों कमियों का खजाना हूँ मैं...
तुम मुझे सुधारना चाहते हो,
और मैं तुम्हें...
पर ऐसे तो या....र,
ना तुम सुधरोगे ; ना मैं...
मुझे पाने से ज्यादा,शायद
कई और ख्वाहिशों की तलब है तुम्हें !
फैसला अब तुम ही कर लो...
कि , तुम्हें वो ख्वाहिशें चाहिए या मैं....