शागिर्द
तू बक्श मुझें
ग़र हुई मुझसें
कोई ख़ता
चलू तेरी ही
मंज़िल मैं वही ...
ग़र हुई मुझसें
कोई ख़ता
चलू तेरी ही
मंज़िल मैं वही ...