...

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कितना मतलबी हूं ना मैं
कितना मतलबी हूं ना मैं,
सिर्फ अपनी ही तकलीफें बयां करता रहा,
तुम्हारी तकलीफों को
जानना तक जरूरी नहीं समझा !!

सिर्फ अपने ही आंसू तुम्हें दिखाता रहा,
और तुम्हारे आंसुओं को
पोंछना तक मैंने जरूरी नहीं समझा !!

कितना मतलबी हूं ना मैं,
तुम पर हर वक्त अपना हक जमाता रहा,
तुम्हारे दिल में खुद को
ढूंढना तक जरूरी नहीं समझा !!

तुम्हें गुस्से में कितना कुछ सुनाता रहा,
और तुम्हारी चुप्पी के पीछे उबलने वाले गुस्से को
भांपना तक मैंने जरूरी नहीं समझा !!

कितना मतलबी हूं ना मैं,
अपनी खुशी के लिए तुम्हें अपनी जिंदगी में खींचता रहा,
और तुम्हारी खुशियों की
परवाह तक करना जरूरी नहीं समझा !!

अपने सुकून के लिए तुमसे बात करने के बहाने ढूंढता रहा,
और तुम्हारे सुकून का
जायज़ा तक लेना मैंने जरूरी नहीं समझा !!

हां, बहुत ज्यादा मतलबी हूं मैं,
कि हर वक्त बस तुम्हे तुम्हारी गलतियां ही गिनाता रहा,
और अपनी गलतियों की
माफी मांगना तक इस नाचीज़ ने जरूरी नहीं समझा !!
#dopamaniac
© dopamaniac