मां हो तो ऐसी...।।
कभी कभी एक मुस्कान ही काफी होती है ,जिंदगी की कड़वाहट को छुपाने के लिए।
तुम कितने भी पत्थर दिखाने की कोशिश में लग जाए,
पर तुम्हारे अंदर के उस दर्द को मैं महसूस कर सकती हु मेरी बच्ची।
मैं ही हूं जो तुम्हारे इस नरम दिल से वाकिफ हूं ।
हर बच्चे को किसी न किसी हालातों से गुज़रना पड़ता है जो उसे कड़ी दुख भी दे और
साथ साथ खुशियां भी दे।
पर एक मां का फर्ज होता है की उसे सही राह पे लाना और उसे ये याद दिलाना की उसकी मां उसकी साथ है।
हर औरत उसकी अगले पड़ाव की और जाते वक्त उसे थोड़ा मुश्किल सहना पड़ता है
थोड़ा उसे सोचना भी पड़ता है।
पर ,अगर इसी प्रकार की मुश्किल एक मां पर आती तो उसे एक मिनट भी नहीं लगेगा करने में।
ऐसे ही होते हैं मां।
हर मां भाग्यशाली न होती की वो उसकी ममता को जगा पाए।
कुछ लोग ऐसे भी होते हैं की उसे न समझ पाए।
हर व्यक्ति का जीवन एक लक्ष्य से जुड़ता है।
वो लक्ष्य जो शायद उसे जीने की नई आशाएं दे।
क्या आप भी एक लक्ष्मण हो?
ज़ोर डालिए अपनी जिंदगी पर ।
और सोचिए ज़रा क्या है वो चीज जिसके सामने आजाते ही अपना जीने की वजह याद आती है...।
हर व्यक्ति औरत बन सकती है पर हर औरत मां नही बन सकती...।।।
© Afsheena Musthafa
तुम कितने भी पत्थर दिखाने की कोशिश में लग जाए,
पर तुम्हारे अंदर के उस दर्द को मैं महसूस कर सकती हु मेरी बच्ची।
मैं ही हूं जो तुम्हारे इस नरम दिल से वाकिफ हूं ।
हर बच्चे को किसी न किसी हालातों से गुज़रना पड़ता है जो उसे कड़ी दुख भी दे और
साथ साथ खुशियां भी दे।
पर एक मां का फर्ज होता है की उसे सही राह पे लाना और उसे ये याद दिलाना की उसकी मां उसकी साथ है।
हर औरत उसकी अगले पड़ाव की और जाते वक्त उसे थोड़ा मुश्किल सहना पड़ता है
थोड़ा उसे सोचना भी पड़ता है।
पर ,अगर इसी प्रकार की मुश्किल एक मां पर आती तो उसे एक मिनट भी नहीं लगेगा करने में।
ऐसे ही होते हैं मां।
हर मां भाग्यशाली न होती की वो उसकी ममता को जगा पाए।
कुछ लोग ऐसे भी होते हैं की उसे न समझ पाए।
हर व्यक्ति का जीवन एक लक्ष्य से जुड़ता है।
वो लक्ष्य जो शायद उसे जीने की नई आशाएं दे।
क्या आप भी एक लक्ष्मण हो?
ज़ोर डालिए अपनी जिंदगी पर ।
और सोचिए ज़रा क्या है वो चीज जिसके सामने आजाते ही अपना जीने की वजह याद आती है...।
हर व्यक्ति औरत बन सकती है पर हर औरत मां नही बन सकती...।।।
© Afsheena Musthafa
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