जो तू मिल गया......
मेरे जज्बातों को
एक घर मिला
जो तू मिल गया......
एक मर्ज मिला,
हर दर्द का,
जो तूने छुआ......
पन्ने सारे मेरे,
भरने लगे किताबों के,
बस तूझपे शायरी से......
हम बढने लगे,
सफर पे फिर,
तेरा हाथ थामे.....
© PradnyaBhide
एक घर मिला
जो तू मिल गया......
एक मर्ज मिला,
हर दर्द का,
जो तूने छुआ......
पन्ने सारे मेरे,
भरने लगे किताबों के,
बस तूझपे शायरी से......
हम बढने लगे,
सफर पे फिर,
तेरा हाथ थामे.....
© PradnyaBhide