इक तरफा प्यार (भाग — २) …..
मैँने मेरी साँसों को क्यो कैद कर रखा है ।
तक्लीफ क्यो उठाओ!
क्यो ना आज इसे आजाद करदूँ…?
मैं अपने शरीर के हर वो दर्द को,
प्यार से मुक्त कर!
क्यो ना आज इसे आबाद करदूँ….?
इस जीवन की कहानी !
यहाँ बूँदो मेँ बिकता है पानी….
प्यार से लेकर बेवफाई तक,
सबकी दिलचस्प है कहानी….
हर कोई जी रहा है अपनी धुन में,
बनकर राजा और रानी….
आज की बात...