...

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श्मशान
मोहमाया का फेर
दुनियाँ हुई ढेर
किसी का अहंकार
कोई सुरूर में रहा
ईर्ष्या की जलन
नफ़रत की ज्वाला
खुशियों को ग्रहण
श्मशान में ज्यूँ उजाला
एक खामोश अटटहास
जैसे करता परिहास
तन्हाई में लड़ती
पल पल बीती साँस
© "the dust"