दुख!
धरती का दुख दिखता है तुझे,
तो आकर ज़रा उसको सहला दे।
बिखरे यहाँ हैं टुकड़े कई,
तू आकर के उनको यकजा कर।
अहसास ज़रा सा...
तो आकर ज़रा उसको सहला दे।
बिखरे यहाँ हैं टुकड़े कई,
तू आकर के उनको यकजा कर।
अहसास ज़रा सा...