शब सोचता रहा...
तुम्हारे लम्स में अब कोई बात ना रहा ,
तुमसे कैसे मिले गले...
अब इस हयात में वो जज़्बात ना रहा ।
वो दिन भी अलग थे बड़े...
कोई शब,कोई सुबह जब हर...
तुमसे कैसे मिले गले...
अब इस हयात में वो जज़्बात ना रहा ।
वो दिन भी अलग थे बड़े...
कोई शब,कोई सुबह जब हर...