विचार कर
रुक जा ठहर जा थम जा कुछ पल के लिए।
विचार कर
क्या हुआ क्यों हुआ कैसे हुआ कुछ तो वजह रही होगी इस पल के लिए।
विचार कर
संभल जा संवर जा सुधर जा टटोल ले खुद को पल भर के लिए।
शायद ही कभी तुझे फिर ये मंजर मिले थमने का सोचने का संभलने का कुछ पल के लिए।
विचार कर
बदल दे निय्यत अपनी नारास्ती सोच की अभी भी...
विचार कर
क्या हुआ क्यों हुआ कैसे हुआ कुछ तो वजह रही होगी इस पल के लिए।
विचार कर
संभल जा संवर जा सुधर जा टटोल ले खुद को पल भर के लिए।
शायद ही कभी तुझे फिर ये मंजर मिले थमने का सोचने का संभलने का कुछ पल के लिए।
विचार कर
बदल दे निय्यत अपनी नारास्ती सोच की अभी भी...