मैं शरीफों की जिंदगी से बोर हो गया़........
मोहब्बत का मोहल्ले में शोर हो गया,
मैं शरीफों की जिंदगी से बोर हो गया!
जो तुझी से सीखा है वो करेंगे!
जिसका गम उसे मुबारक,
आते जाते लोगों से मन भरेंगे!
तू केह के तो देखती मैं तेरे लिए क्या नहीं करता,
मैं तो शिद्दत्त कहता हूं, जिस्मानी...
मैं शरीफों की जिंदगी से बोर हो गया!
जो तुझी से सीखा है वो करेंगे!
जिसका गम उसे मुबारक,
आते जाते लोगों से मन भरेंगे!
तू केह के तो देखती मैं तेरे लिए क्या नहीं करता,
मैं तो शिद्दत्त कहता हूं, जिस्मानी...