"प्यारा रिश्ता"
प्यारा रिश्ता सर्वदा फ़रिश्ता,
बन के रही माँ..!
ममता का सागर प्रेम का गागर,
बन के बही माँ..!
कोमल हृदय श्रेष्ठ किरदार,
मथुरा काशी केदार रही माँ..!
तीर्थ जहान हौंसलों की उड़ान,
ख़ूबियों का आसमान रही माँ..!
नतमस्तक देव रहे सदैव,
अपरम्पार रही महिमा..!
माँ के दिल जैसा नहीं,
दुनिया में कोई कहीं..!
पूजे जिन्हें सभी ये हैं वो छवि,
माँ क़ुदरत का अद्भुत करिश्मा..!
© SHIVA KANT
बन के रही माँ..!
ममता का सागर प्रेम का गागर,
बन के बही माँ..!
कोमल हृदय श्रेष्ठ किरदार,
मथुरा काशी केदार रही माँ..!
तीर्थ जहान हौंसलों की उड़ान,
ख़ूबियों का आसमान रही माँ..!
नतमस्तक देव रहे सदैव,
अपरम्पार रही महिमा..!
माँ के दिल जैसा नहीं,
दुनिया में कोई कहीं..!
पूजे जिन्हें सभी ये हैं वो छवि,
माँ क़ुदरत का अद्भुत करिश्मा..!
© SHIVA KANT
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