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बिछड़ने का दुःख
बिछड़ने का दुःख तो सभी को होता है
ये ज्ञात था, जो बिछड़ा अपना तो था ही नहीं
फिर क्यों मानसिक दुःख होता है
जो अपना है उसे स्वीकर न करना
जो अपना नहीं उसे स्वीकर करना
ये सोच ही हमे मानसिक दुःख देता है
क्यूं बहुत कुछ जानकर भी हम मानते नहीं
सुनो न? मन का उपचार मन ही कर सकता है
© आनन्द
ये ज्ञात था, जो बिछड़ा अपना तो था ही नहीं
फिर क्यों मानसिक दुःख होता है
जो अपना है उसे स्वीकर न करना
जो अपना नहीं उसे स्वीकर करना
ये सोच ही हमे मानसिक दुःख देता है
क्यूं बहुत कुछ जानकर भी हम मानते नहीं
सुनो न? मन का उपचार मन ही कर सकता है
© आनन्द
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