कभी यूँ ही......
कभी यूँ ही, तो कभी कुछ ख़ास नहीं..
लिखती है कलम मेरी,
वो जिन एहसासों की साथ रही....
वक़्त बेवक़्त हर पल रहती है वो साथ मेरे...
चाहे लिखूँ मै
पुराना ख्याल कोई...
लिखती है कलम मेरी,
वो जिन एहसासों की साथ रही....
वक़्त बेवक़्त हर पल रहती है वो साथ मेरे...
चाहे लिखूँ मै
पुराना ख्याल कोई...