...

7 views

गालिब की आवाज!!!!!!!!!!!!!
अल्फाज़ है आप पर मेरे दुआओं का ,
गालिब!
कभी रुकसत होना तो ,
मैं पिरोए माले सी,
टूट कर दिखाऊंगी,
तब तुम कोशिश करना,
मुझे समेटनी की ,
मैं हाथ से फिसल जाऊंगी ,
पिरो लेना मुझे ,
मेरी मर्जी के खिलाफ,
मोहब्बत के धागे में ,
मैं तुम्हारे दिल में,
समा जाऊंगी !
इल्म करना मेरे इश्क पर ,
मैं सारी ज़िंदगी,
तुम्हारा साथ दुआ बन कर निभाऊंगी।
💓A

© @खामोश अल्फाज़ ©A.k