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आज फिर रूबरू हुई...........✍️
आज फिर रूबरू हुई
उसकी यादे मेरे जहन से यूं
जैसे एक उम्र के बाद
लौटा हो कोइ , मेरे शहर के आगोश में
और उसके साये से लिपट कर
बेइंतेहा रोया हो
मानो ये बहती हुई ठंडी हवाये
जैसे उन जज्बातों की गवाही दे रही हो
जैसे रात का वो सन्नाटा
रह - रह कर उसी में कही
दफन हुए जा रहा हो
और महसूस होता है
जैसे कि .......
यहां का हर जर्रा - जर्रा उसे
मेरे नाम से पुकार रहा हो
🥀🖤 Sonia Thakur ✍️
- Sona ( बदजुबान कातिब )
उसकी यादे मेरे जहन से यूं
जैसे एक उम्र के बाद
लौटा हो कोइ , मेरे शहर के आगोश में
और उसके साये से लिपट कर
बेइंतेहा रोया हो
मानो ये बहती हुई ठंडी हवाये
जैसे उन जज्बातों की गवाही दे रही हो
जैसे रात का वो सन्नाटा
रह - रह कर उसी में कही
दफन हुए जा रहा हो
और महसूस होता है
जैसे कि .......
यहां का हर जर्रा - जर्रा उसे
मेरे नाम से पुकार रहा हो
🥀🖤 Sonia Thakur ✍️
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