पाक़ीज़ा इश्क
जिस्म के देखे हैं सब तलबगार रूह का खरीदार नहीं मिलता,
पाक़ीज़ा इश्क रह गया किस्सों में हकीकत में ऐसा प्यार नहीं मिलता।
प्यार वफ़ा के निभाए जो सदाकत से सारे वादे,
ऐसा तो आजकल कोई इश्क का बीमार नहीं मिलता।
पा लेने का जुनून ही बन गया है आजकल इश्क,
सात जन्मों का साथ निभा दे ऐसा...
पाक़ीज़ा इश्क रह गया किस्सों में हकीकत में ऐसा प्यार नहीं मिलता।
प्यार वफ़ा के निभाए जो सदाकत से सारे वादे,
ऐसा तो आजकल कोई इश्क का बीमार नहीं मिलता।
पा लेने का जुनून ही बन गया है आजकल इश्क,
सात जन्मों का साथ निभा दे ऐसा...