...

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हैं ये देश की शान
हुई आज़ादी को साल छिहत्तर
पर कई हैं ,खुद के ही सोंच के गुलाम ,
इसलिए जो कहता , बापू थे गलत
वह वाणी, बन गई अभी महान,
बम- बारूद की जगह संभाला
जब सत्य, अहिंसा का कमान ,
तब भयभीत होकर इसी अस्र से
अंग्रेज हो जाते थे परेशान ,
कृपया इज्जत करलो थोड़ी,हैं ये देश की शान |

किया कृषक, मजदूरों के लिए आमरण अनशन
था उनका हक़ दिलाने का अरमान ,
क्या हम रह पाएंगे,...