इज़हार -ए-मोहब्बत - एक धोखा
इज़हार -ए-मोहब्बत - एक धोखा
प्यार का पहला ख़त लिखा था
जाने अंजाने में एक अक्श दिखा था
आंखों को धोका देके चला था वो
इज़हार ए मोहब्बत बेवक्त करा था
अनजाना अनजानी थे हम दोनों
जान पहचान की तलब हुई थी
बेजुबान जानवरो से तब मैंने
बहुत कुछ कहने का...
प्यार का पहला ख़त लिखा था
जाने अंजाने में एक अक्श दिखा था
आंखों को धोका देके चला था वो
इज़हार ए मोहब्बत बेवक्त करा था
अनजाना अनजानी थे हम दोनों
जान पहचान की तलब हुई थी
बेजुबान जानवरो से तब मैंने
बहुत कुछ कहने का...