...

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पर्वाज़ Parwaaz
सफर-ए-ज़िन्दगी को एक उड़ान बना लो,
पर खोलो ज़मीं को आसमान बना लो।
क्या मजाल जहां की जो रोकेगा तुमको,
तूम अपना अलग एक जहान बना लो।
ये नफरत, ये लालच, ये भटका ज़माना,
इन शेहरी बलाओं की ज़द में ना आना,
तुम सेहरा में अपना मकान बना लो।
पर खोलो ज़मीं...