अहमियत
हम अपनी एहमियत की हताशा देखते हैं,
कर कुछ नहीं सकते बस तमाशा देखते हैं.
समझते हैं सब कुछ पर कहते...
कर कुछ नहीं सकते बस तमाशा देखते हैं.
समझते हैं सब कुछ पर कहते...