उन्नति
क्यो जलते हो मेरे आगे बढ़ने से
मैं तो बहुत खुश थी तुम्हारी उन्नति से
हमने थे तब जश्न किए
इतने सारे सपने थे जियें
क्यो याद तुम्हें वो वक़्त ना हैं
क्यो मेरी तरक्की से मसला हैं
मुझे भी हक हैं आगे बढ़ने का
अपने सपने पूरे करने का
ना मैंने तुझे...
मैं तो बहुत खुश थी तुम्हारी उन्नति से
हमने थे तब जश्न किए
इतने सारे सपने थे जियें
क्यो याद तुम्हें वो वक़्त ना हैं
क्यो मेरी तरक्की से मसला हैं
मुझे भी हक हैं आगे बढ़ने का
अपने सपने पूरे करने का
ना मैंने तुझे...