रिश्ता ए खास... ✍️
कलम साथ निभाती हैं जज्बातों का,
अल्फाज़ साथ निभाते है लेखक का।
गुरुर ना कलम को है ना ही शब्दों को,
धड़कने साथ निभाती है एहसासों का।
© Niharik@ ki kalam se✍️
अल्फाज़ साथ निभाते है लेखक का।
गुरुर ना कलम को है ना ही शब्दों को,
धड़कने साथ निभाती है एहसासों का।
© Niharik@ ki kalam se✍️
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