![...](https://api.writco.in/assets/images/post/user/poem/479230925091726634.webp)
7 views
बेटि हू..!!
बेटी हू..
मे बड़ी या छोटी नही मे तो बस
बेटी हू,
जो बेगुनाह होकर भी हर पाबंदी
सेहती हू ।
कभी वट वृक्ष की तरह अडग तो कभी
नदी सी बहेती हू,
मन मे ध मेल साफ सी बात मे सभी से
कहेती हू ।
जिंदगी मे अपने ,पराये की जंग मे
लोगो से पिसती हू ,
फिर भी जेसे कुछ हूवा ही न हो ऐसे
हसती हू ।
गमो की महेफिल मे अव्वल ही
रहेती हू ,
फिर भी हर वक़्त सीना ताने ही
खडी मिलती हू ।
🖤✨✍️Pragati
© All Rights Reserved
मे बड़ी या छोटी नही मे तो बस
बेटी हू,
जो बेगुनाह होकर भी हर पाबंदी
सेहती हू ।
कभी वट वृक्ष की तरह अडग तो कभी
नदी सी बहेती हू,
मन मे ध मेल साफ सी बात मे सभी से
कहेती हू ।
जिंदगी मे अपने ,पराये की जंग मे
लोगो से पिसती हू ,
फिर भी जेसे कुछ हूवा ही न हो ऐसे
हसती हू ।
गमो की महेफिल मे अव्वल ही
रहेती हू ,
फिर भी हर वक़्त सीना ताने ही
खडी मिलती हू ।
🖤✨✍️Pragati
© All Rights Reserved
Related Stories
11 Likes
0
Comments
11 Likes
0
Comments