...

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।।मोरया।।
तुम ही हो रिद्धि सिद्धि के दाता,
हो तुम ही सबके भाग्यविधाता।।
माता पिता के दुलारे हो तुम,
जगत श्रृष्टि के प्यारे हो तुम।।

मोदक और लड्डू है उनको भाते,
बड़े प्रेम और आनंद से है वो खाते।।
है मुष्क की सवारी प्रिय उनको,
जग के...